कई बार मनुष्य कई कोशिशों के बाद भी सुख समृद्धि हासिल नहीं कर पाता है, उसके जीवन में हमेशा गरीबी ही बनी रहती है, मनुष्य की इन समस्याओ का जवाब हमारे प्राचीन ग्रंथो और पुराणों में मिलता है, इन पुराणों में बताया गया है की पिछले जन्म में की गयी गलतियां और पाप का फल हमें इस जन्म में भुगतना पड़ता है, जिस कारण मनुष्य के जीवन में तरह तरह की कठिनाइयाँ उत्पन्न होती है | इसीलिए इन समस्याओ का हल हमे भौतिक वस्तुओं से प्राप्त नहीं हो सकता है, इसके लिए धार्मिक ग्रंथो में बताये गए उपायों को करने से ही इन समस्याओ से छुटकारा पाया जा सकता है |
गुरुवार का दिन बृहस्पति का माना जाता है जो की देवगुरु है और भगवान विष्णु के अंश है | ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति को धर्म के साथ भौतिक सुख शांति का कारक बताया गया है, इसीलिए भौतिक सुख पाने के लिए धर्मग्रंथो में ऐसे उपायों के बारे में बताया गया है जिनको करने से आर्थिक सुख शांति और समृद्धि पायी जा सकती है | आज हम आपको उन उपायों के बारे में बताएंगे जिनको गुरुवार के दिन करने से आपके घर परिवार में सुख समृद्धि का वास होगा |
ब्रह्म पुराण में भगवान ब्रह्मा जी और इंद्रा देव के एक संवाद में बताया गया है की जो मनुष्य प्रत्येक गुरुवार को दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके राजा बलि का ध्यान करता है उसके घर में कभी धन धान्य, सुख समृद्धि, अन्न जल की कभी कमी नहीं होती है |
राजा बलि को देवी लक्ष्मी ने अपना भाई माना था और इनका निवास दक्षिण दिशा में माना जाता है इसीलिए इस दिशा की तरह मुख करके इनका ध्यान किया जाता है |
प्रत्येक गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करना शुभ फल प्रदान करता है, इसके लिए प्रातः काल में स्नानादि से निवृत होकर केले के पेड़ के पास घी का दीपक जलाकर ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बृहस्पतये नमः मंत्र का जाप करना चाहिए |
गुरुवार के दिन किया जाने वाला एक उपाय यह है की शुक्ल पक्ष में केले के पेड़ की जड़ और हल्दी की जड़ को एक कपड़े में लपेट कर अपने दांये हाथ की बाजू में बाँध ले | इस उपाय से वही फल प्राप्त होगा जो पुखराज धारण करने पर होता है और साथ ही इस बात का ध्यान रखे की इसे धारण करे के बाद भूलकर भी बुजुर्गो का अपमान ना करे और ना ही उनका अनादर करे, साथ ही प्रत्येक दिन सुबह और शाम भगवान विष्णु का ध्यान करे |
प्रत्येक गुरुवार के दिन सुबह स्नान कर के विष्णु सहस्त्रनाम या विष्णु सतनाम स्त्रोत का पाठ करे, इसके अलावा अगर आप चाहे तो इस दिन गाय या किसी ब्राह्मण को मीठा भोजन भी करा सकते है |